विजयपथ समाचार
कहा था- कोरोना काल में स्कूल फीस जमा न करने के आधार पर छात्र-छात्रा का नाम नहीं काटा जाएगा
इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर 28 जुलाई को जो आदेश सार्वजनिक किया, उसमें एक महत्वपूर्ण बात कही थी। इसके तहत मध्य प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को सख्त हिदायत दी गई थी कि कोरोना काल में स्कूल फीस जमा न करने के आधार पर किसी भी छात्र-छात्रा का नाम न काटा जाए। इस दिशा-निर्देश का पालने करने के साथ ही मामले की सुनवाई की तिथि 10 अगस्त तय की गई थी। मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा था।
जबकि राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव व उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने जवाब प्रस्तुत किया। जिसके जरिए साफ कर दिया गया कि राज्य के सभी निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का अधिकार है, अन्य कोई भी शुल्क वसूलने की मनाही है।
इसके बाद कोर्ट ने सीबीएसई से इस मामले पर जवाब मांगा था। कोर्ट ने बोर्ड को आज यानी 10 अगस्त को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। जो कि सीबीएसई ने नहीं किया। लिहाज़ा कोर्ट ने अब सीबीएसई को 24 अगस्त तक अपना जवाब देने की अंतिम मोहलत दे दी है।
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