कुछ तो कहो, कुछ तो बोलो :-शिवराज मामा
। भौपाल- मध्यप्रदेश उच्चशिक्षा विभाग में कार्यरत जनभागीदारी मद से गैर शैक्षणिक पदों पर कार्य करने वालो की न तो सरकार सुन रही है, न ही उच्च शिक्षा विभाग के आला अफसर, न ही विभाग के प्राचार्य जिससे परेशान होकर सीहोर जिले के जनभागीदारी कर्मचारियों ने आत्म दाह करने के लिए कलेक्टर को पत्र लिख है
मीडिया प्रभारी हितेश गुरगेला ने जानकारी देते हुए बताया है कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लॉक डाउन में भारत सरकार और श्रम विभाग की गाइड लाइन अनुसार किसी भी कर्मचारी को न तो पद से हटाया जाए और न ही वेतन काटा जाय ओर स्वयं विभाग के आयुक्त उच्च शिक्षा ने पत्र जारी कर स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि वह सामान्य प्रशासन द्वारा जारी आदेशो का पालन कर आवश्यक कार्यवाही करें किंतु उच्च शिक्षा विभाग के प्राचार्य अपने ही विभाग के आयुक्त के आदेशों को नही मानती दिख रही है। जिससे पीड़ित होकर जनभागीदारी मद से कार्यरत कर्मचारी आत्मदाह के लिए कलेक्टर को पत्र लिख रहे है।
सीहोर कॉलेज का है मामला
जनभागीदारी मद से कार्यरत कर्मचारियों ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया कि जनभागीदारी मद से कर्मचारी शासकीय पीजी कॉलेज सीहोर में 20 वर्षो से कार्यरत है, वहाँ के प्राचार्य डॉ आशा गुप्ता द्वारा आदेश क्रमांक 1525 दिनांक 08.06.2020 जारी कर लॉक डाउन में सभी जनभागीदारी श्रमिकों, को कार्य से स्थगित कर दिया, ओर तो ओर बिना वेतन के उनके घर पर कार्य करने को मजबूर कर रहे है, जिससे कर्मचारी पीड़ित है, बिना वेतन के परिवार के भरण पोषण कैसे करे जो था सब इसी नोकरी से कर रहे थे, अब उन पर अब आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगे है।
योजनाओं का लाभ नही, न बीमा न ईपीएफ
लॉक डाउन अवधि में भी महाविद्यालय जाकर अपनी सेवाएं दे रहे जनभागीदारी कर्मचारी को उच्च शिक्षा विभाग में न तो समान वेतन दिया जा रहा है न ही किसी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है, ओर न ही श्रम विभाग के निर्देश पर ईपीएफ योजना लाभ दिया जा रहा है। कोरोना जैसी महामारी में भी महाविद्यालय में सेवा दे रहे कर्मचारियों के भविष्य ओर परिवार की कोई चिंता विभाग को भी नही है ओर न ही सरकार को प्रदेश सरकार एवं मध्य प्रदेश शासन श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुये श्रम सिद्धि अभियान चला रही है वही दूसरी ओर कुछ महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा कर्मचारियों को बेरोजगार किया जा रहा है।
आत्मदाह को मजबूर हुए जनभागीदारी कर्मचारी
सीहोर कॉलेज के कर्मचारी अपने परिवार के भरण पोषण में जो इसी नोकरी से कर रहे थे उन पर अब जिम्मेदारी का बोझ बढ़ता देख जनभागीदारी कर्मचारी ने आत्म दाह के लिए कलेक्टर को लिखा ।
सरकार के निर्देश ओर विभाग के निर्देश होने के बावजूद प्राचार्य द्वारा कर्मचारियों को हटाया जाना निंदनीय है –
सुनील तोमर ,प्रदेश अध्यक्ष जनभागीदारी कर्मचारी संघ